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उच्च विकास दर हासिल करने के लिए जीएसटी, ई-वे बिल महत्वपूर्ण: प्रवीण गुप्ता

जीएसटी भारतीय आर्थिक सुधारों के लिए एक मील का पत्थर

05/07/2018 - उदयपुर। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वित्त एंव वाणिज्यिक कर विभाग, राजस्थान सरकार और उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (यूसीसीआई) के सहयोग से बुधवार को उदयपुर में जीएसटी, ई-वे बिल, जॉब वर्क इत्यादि पर इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया। जीएसटी के फायदों की जानकारी देते हुए राजस्थान सरकार के सचिव-वित्त (राजस्व) प्रवीण गुप्ता ने कहा कि हम आर्थिक परिवर्तन के चरण में हैं और राजकोषीय सुधार के लिए कई उपाय किए हैं। उच्च विकास दर हासिल करने के लिए, हमें पारदर्शी और स्वच्छ अर्थव्यवस्था और जीएसटी की आवश्यकता है। इसके साथ ई-वे बिल इस दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी भारतीय आर्थिक सुधारों के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
ई-वे बिल सिस्टम की स्वीकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए गुप्ता ने कहा, ई-वे बिलों की बड़ी संख्या पहले ही तैयार हो चुकी है और यह वास्तव में एक अच्छा संकेत है। हमें हितधारकों का समर्थन देखकर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल सिस्टम भी पेश किया गया है, ई-वे विधेयक व्यापारियों के लिए उपयोगी और पारदर्शी साबित होगा। सचिव-वित्त (राजस्व) ने यह भी कहा कि यह कर सुधार का समय है और हम उन समाधानों पर काम कर रहे हैं जो सुझाव और प्रतिक्रियाओं के रूप में प्राप्त हुए हैं।
सीआईआई अध्यक्ष अनिल साबू ने कहा कि जीएसटी कराधान की एक एकीकृत योजना है जो माल और सेवाओं के बीच अंतर नहीं करती है। यह प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करेगी, भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगा और निर्माताओं व निर्यातकों को लाभ होगा। 1947 में देश का भौतिक संघ बना थाय 2017 में जीएसटी को अपनाकर देश का आर्थिक संघ बना है। जीएसटी अब 1 साल पर एक वर्ष पूरा कर चुका है। 1 जुलाई 2017 (यानी एक वर्ष पहले) माल और सेवा कर (जीएसटी) की शुरूआत, भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार, बाधाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया के चलते अपेक्षाकृत सरल रहा है। शुरुआती बाधाओं के बाद अब व्यवसाय स्थापित हो गए हैं। अंतरराज्यीय बाधाओं को खत्म करने और ई-वे बिल प्रणाली के कार्यान्वयन के साथ, परिवहन और लाजिस्टक अधिक प्रतिस्पर्धी और कम महंगे हो गए हैं। इस मौलिक कर का प्रभाव अब उद्यमों, व्यापक कर आधार और उच्च कर राजस्व के औपचारिकरण में महसूस किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार 1 से 7 जुलाई 2018 तक जीएसटी सप्ताह मना रही है।
राजस्थान सरकार के वाणिज्यिक कर आयुक्त आलोक गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद, जीएसटी देश में सबसे बड़ा सुधार है। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगपति, व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को जीएसटी से डरने की पूरी आवश्यकता नहीं थी। जब अर्थव्यवस्था का रूप बदलता है, कर संरचना भी बदल जाती है। जीएसटी करों की बहुतायत की बजाय टैक्स का एक रूप सुनिश्चित करेगा। शायद यह कर प्रणाली का सबसे मजबूत रूप है। श्री आलोक गुप्ता ने यह भी कहा कि चिंता या संदेह की कोई आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने पहले ही राजस्थान में प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की हैं और यह काम लगातार जारी है। यदि कोई प्रश्न या संदेह हैं तो उन्हें तुरंत स्पष्टीकरण के लिए संपर्क करना चाहिए।
सत्र के दौरान, जयपुर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ पंकज घिया ने ई-वे विधेयक के संबंध में कई अहम मुद्दों पर दर्शकों को जागरूक किया, जैसे कि ई-वे बिल की आवश्यकता क्यों है, यह कब लागू होगा, कब इसकी आवश्यकता नहीं होगी, ई-वे बिल तैयार करना, किलोमीटर नियम, जाब वर्क और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि जीएसटी ने व्यवसायी की व्यावसायिक प्रक्रिया को सरल बना दिया है और ई-वे बिल कर सुधार की दिशा में एक उज्ज्वल कदम है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर विभाग के आयुक्त सी के जैन ने कहा कि जीएसटी को सही रूप में गेम-चेंजर कहा जा सकता है। हालांकि, जीएसटी को रहस्यमयी न रहे क्योंकि यह लोगों को डरा रहा है। यह केवल उन लोगों के लिए जटिल होगा जो अपने सामान और सेवाओं के लिए खाता नहीं रखते हैं। जैन ने आगे कहा कि नई कर प्रणाली पूरे देश में एक समान होगी और एक मजबूत अनुपालन प्रणाली का स्थान लेगी। सीआईआई राजस्थान राज्य कार्यालय के निदेशक और प्रमुख नितिन गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार की सलाह पर, सीआईआई राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में जीएसटी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
सीआईआई ने पिछले डेढ़ साल में जयपुर, जोधपुर और अब उदयपुर में 1200 उद्योग सदस्यों को कवर करने वाले 6 सत्रों का आयोजन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने जीएसटी पर प्रश्नों के समाधान के लिए एक जीएसटी क्यूरी आईडी और जीएसटी पर सवालों के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर शुरू कर दिया है। ईमेल आईडी प्रभावी रूप से काम कर रही है और नियमित रूप से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस पर जवाब दिए जा रहे हैं। उद्योगों को इस हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबर का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीआईआई उद्योगों को इस बदलाव के लिए तैयार करने में मदद कर रहा है, और आगामी चुनौतियों के लिए अपने उद्योग सदस्यों के लिए 100 से अधिक सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। सीआईआई ने 24 गुणा 7 सहायता डेस्क भी लॉन्च किया है जिसमें सीआईआई उद्योग के सदस्य जीएसटी से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।
उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (यूसीसीआई) के अध्यक्ष हंसराज चौधरी ने कहा कि जीएसटी भारत का सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है। जीएसटी ने वस्तुओं और सेवाओं के एक सामंजस्यपूर्ण राष्ट्रीय बाजार में शुरुआत की है और एक सरलीकृत, निर्धारित-अनुकूल कर प्रशासन प्रणाली की ओर अग्रसर है। यूसीसीआई के माननीय महासचिव केजरी अली ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। उनके अनुसार जो किसी भी प्रकार के व्यवसाय में लगे हुए हैं और व्यवसायिक घरों का एक आदर्श हिस्सा बनना सीखना चाहते हैं, उन सभी लोगों के लिए प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को समझने और उनके प्रश्नों के समाधान का यह एक अवसर था। ओपन हाउस के दौरान बड़ी संख्या में प्रश्न और उत्तर सामने आए, जिनका अधिकारियों ने बहुत अच्छा जवाब दिया।
कार्यक्रम में मीनल भोसले, आईआरएस, ओएसडी-फाइनेंस, राजस्थान सरकार सीआईआई राजस्थान के सदस्य अरविंद सिंघल, मुख्य संरक्षक, यूसीसीआई सुकेत सिंघल सहितं केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।


By : Vinita Talesara

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