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महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन का 37वां वार्षिक सम्मान समारोह सम्पन्न
11/03/2019 - उदयपुर। महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन का 37वां वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह रविवार को सिटी पैलेस के माणक चौक में हुआ। इसमें कला, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, समाज सेवा आदि के क्षेत्र में अनूठे काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय विभूतियों को विभिन्न अलंकरणों से नवाजा गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर के कर्नल जेम्स टाॅड अलंकरण से डाॅ. पाॅल टी. क्रैडाॅक को नवाजा गया। क्रैडॉक ने मेवाड़ की अरावली पहाड़ियों से चांदी और जस्ते की प्रारंभिक उत्पादन प्रक्रिया और महाराणाओं के समय जावर खदानों में जस्ता गलाने वाली भट्टियों की प्रक्रिया को विश्वस्तर पर प्रस्तुत कर मेवाड़ के प्राचीन धातु विज्ञान कला को सम्मान दिलाने का काम किया है। सांप्रदायिक सदभाव, देशप्रेम, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के क्षेत्र में स्थायी सेवाओं के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के हकीम खां सूर अलंकरण से देश जानेमाने गायक शुमार सुरेश वाडेकर को सम्मानित किया गया। वाडेकर ने भारत की 17 से ज्यादा भाषाओं में गीत गाकर देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया है। राष्ट्रीय स्तर का पन्नाधाय अलंकरण त्रिपुरा के सपन देबबर्मा और उनकी 9 वर्षीय पुत्री सुमा देबबर्मा को दिया गया, जिन्होंने जून 2018 में त्रिपुरा में हुई भयंकर बारिश के कारण रेलवे ट्रैक के नीचे अपनी जान की बाजी लगाकर सैकड़ों रेल यात्रियों की जान बचाई। महाराणा उदयसिंह अलंकरण नई दिल्ली की गीता शेषमणि और कार्तिक सत्यनारायण को दिया गया जो वन्यजीव और घरेलू पशुओं पर क्रूरता के खिलाफ अलख जगा रहे हैं। समारोह में राजस्थान के पुलिस थाना मकबरा, कोटा शहर को उत्कृष्ट कार्यों के लिए महाराणा मेवाड़ विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया। राज्य के खिलाड़ियों को दिया जाने वाला अरावली सम्मान हनुमानगढ़ के अन्तरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक संदीप सिंह मान को पैरा-एथलेटिक्स खेल में भारत का नाम रोशन करने के लिए प्रदान किया गया। प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में फाउंडेशन के लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने देश-विदेश से सम्मानित होने आए प्रबुद्धजनों का पुष्प-हार से स्वागत किया। फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी अरविन्द सिंह मेवाड़ ने देश के शहीदों, फाउंडेशन के संस्थापक महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ व पूर्व अध्यक्षों को श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को श्रेष्ठ चरित्र निर्माण कर सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया। आदिवासी समाज के उत्थान के लिए दिया जाने वाला राणा पूंजा सम्मान उदयपुर जिले के झाड़ोल के झालम चन्द अंगारी को आदिवासी परिवारों में शिक्षा एवं उन्नत कृषि के प्रति अलख जगाने के लिए प्रदान किया गया। संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला ‘डागर घराना सम्मान’ भारत के प्रख्यात रुद्रवीणा वादक उस्ताद बहाउद्दीन डागर को प्रदान किया गया. ललित कला के क्षेत्र में दिया जाने वाला महाराणा सज्जनसिंह सम्मान मृण शिल्प कला के कलाकार मोलेला, राजसमंद के जमना लाल कुम्हार को प्रदान किया गया। भारतीय संस्कृति, साहित्य व इतिहास के क्षेत्र में दिये जाने वाला महाराणा कुम्भा सम्मान राजस्थानी साहित्य के जाने माने नाम डाॅ। गिरिश नाथ माथुर एवं डाॅ। जितेन्द्र कुमार सिंह को प्रदान किया गया। राज्यस्तरीय अन्य अलंकरणों के तहत ज्योतिष, वेद विज्ञान एवं कर्मकाण्ड में श्रेष्ठ योगदान के लिये डाॅ। हेमन्त कृष्ण मिश्र एवं डाॅ। नरोत्तम पुजारी को महर्षि हारीत राशि सम्मान प्रदान किए गए। महाराणा मेवाड़ सम्मान लखनऊ की मालिनी अवस्थी को अवध, बृज, बुंदेलखंड और भोजपुर की लोकप्रिय लोक कला के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रदान किया गया। अपने निर्धारित दायित्व की सीमा से ऊपर उठकर किये गये कार्य के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का पन्नाधाय अलंकरण त्रिपुरा के सपन देबबर्मा एवं उनकी 9 वर्षीय पुत्री सुमा देबबर्मा को प्रदान किया गया। जून 2018 में त्रिपुरा में हुई भयंकर वर्षा के कारण रेलवे ट्रेक के नीचे से मिट्टी का कटाव हो गया, ऐसी स्थिति में पिता-पुत्री ने अपनी जान की पहवाह किए बिना जान जोखिम में डाल हजारों रेल यात्रियों की जान बचाई। पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के क्षेत्र में की गई स्थाई मूल्य की सेवाओं के लिए महाराणा उदयसिंह अलंकरण इस वर्ष नई दिल्ली की गीता शेषमणि एवं कार्तिक सत्यनारायण को वन्यजीव एवं घरेलू पशुओं पर क्रूरता के खिलाफ कार्य करने के लिए प्रदान किया गया।
By : Sameer Banerjee