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रिसर्च में आया सामने, विषैली है केमिकल युक्त गुलाल

हर्बल गुलाल से खेले होली : डॉ. विनीत सोनी
केमिकल युक्त गुलाल मृदा व पौधों के लिए भी घातक

19/03/2019 - उदयपुर। हर्बल गुलाल को प्रमोट करने के लिहाज से केमिकल युक्त गुलाल पर रिसर्च की गई। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के वनस्पति शास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनीत सोनी के निर्देशन में सुनीता परिहार, मनीषा, हनवंत देवड़ा, दीपक कुमार, उपमा भट्ट और पूजा टेलर ने केमिकल युक्त गुलाल और हर्बल गुलाल का जलीय पोधो पर प्रभाव का गहराई से अध्ययन किया।
रिसर्च में परिणाम चौकाने वाले है। केमिकल युक्त गुलाल की बहुत ही कम सान्द्रता भी पोधो के लिए विषैली पाई गई। इस गुलाल की मात्रा बढ़ाने पर इन पोधो में जैव-रासायनिक प्रक्रिया के साथ साथ प्रकाशसंश्लेषण भी कम होता गया। परिणामस्वरूप कुछ ही दिनों में सभी जलीय पौधे मर गए। इसके विपरीत हर्बल गुलाल की बहुत अधिक सान्द्रता का भी पौधों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा।
डॉ. विनीत बताते है कि इस रिसर्च से आम लोगो को समझना चाहिए कि केमिकल युक्त गुलाल और रंग कितने हानिकारक है। गुलाल को चमकीला और वजनदार बनाने के लिए इनमे भारी धातु, रेत के चमकीले कण और सिलिका आदि मिलाये जाते हैं, जो की शरीर के साथ साथ पर्यावरण को भी बुरी तरह से प्रदूषित करते है। इन रंगों में भारी धातु और टॉक्सिक केमिकल जैसे मरक्यूरिक ऑक्साइड, ऑरेमाइन, कॉपर सल्फेट जैसे टॉक्सिक केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं। इससे त्वचा रोग, आंखों के संक्रमण, अस्थायी अंधता, गुर्दे में खराबी, अस्थमा, और त्वचा के कैंसर जैसे रोग तक हो सकते हैं। ऐसे में हमें फूल-पत्तियों और घरेलू चीजों से बनाए हर्बल रंगों और गुलाल से होली खेलनी चाहिये।
शोधार्थी उपमा भट्ट के अनुसार रंगों का त्योहार होली पर कुछ खास बातों का ख्याल रखकर इसे और यादगार बनाया जा सकता है, ऐसा न करने पर पछताना भी पड़ सकता है। होली पर जो रंग बाजार में बिक रहे हैं उनमें तरह-तरह के घातक केमिकल होते हैं। केमिकल युक्त गुलाल केवल मानव स्वास्थ्य को ही हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि मृदा को स्थाई रूप से प्रदूषित करने के साथ साथ पेड़-पौधों के लिए भी घातक है।


By : Sameer Banerjee

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